Thursday, November 22, 2007

शरारती

जब माँगता था तो देती नही थी,
जवाब मेरी बात का|
जब दे दिया तो खड़ा हो गया,
रोम रोम जज्बात का|
उसने कहा कस कर ना डालो,
बालों में फूल गुलाब का|
जब डाल दिया तो झड़ गया,
पत्ता-पत्ता गुलाब का|

****************************
मैं लेटी थी, वो लेटा था|
मैं नीचे थी, वो ऊपर था|
मैं देती थी, वो लेता था|
मैं माँ थी, वो मेरा बेटा था|

****************************
पलकों के पीछे कौन रहता है? दिल के झरोखे में कौन रहता है? सांसो कि गर्मी में कौन बहता है?
इधर मेरी आंखो में देख, वहाँ किसका अक्स दिखता है?

No comments: